आज ज़रूरत है कुणा नै मां बाप री पौख सूं
जलम्यो है जबरोड़ो गीगो कम्प्यूटर री कोख सूं।
रिश्तो भूल्यो नातो भूल्यो, भूल्यो सब संस्कार ओ
न्यारी न्यारी रीत चलावे रोज बणावै यार ओ
भाई बहन सूं अळगो रहवै यार बुलावै थोक सूं
जलम्यो है जबरोड़ो गीगो कम्प्यूटर की कोख सूं।
सरम नहीं है लाज नहीं है, बात करै नीं बणती ओ
कैयै सुण्यै रो असर नहीं है आंख दिखावै तणती ओ
आजादी सूं फिरै डोलतो फरक पड़ै नीं रोक सूं
जलम्यो है जबरोड़ो गीगो कम्प्यूटर की कोख सूं।
मस्ती लेवै मौजां मारै काम काज सब तज बैठ्यो
मन रै माहीं खुद नै ओ शाहरुख,सलमान समझ बैठ्यो
आधो अंग उघाड़ो राखै भार मरै है सौक सूं
जलम्यो है जबरोड़ो गीगो कम्प्यूटर की कोख सूं।
मुंह फूलायो बैठो रैवै सोचै नीं घर वाळां री
जद भी बोलै मूंडो खोलै काण्यां कहवै साळां री
घर हाळी री करै चाकरी चिमट्यो रहवै जोक ज्यूं
जलम्यो है जबरोड़ो गीगो कम्प्यूटर की कोख सूं।
बोल्यां पहली बड़को दैवै, जे बोलै, बोलै खारो
हिलमिल रहणो जाणै कोनी सगलां सूं रह्वै न्यारो
दैखै ज्यां रै मांय काळजै चुभै सुई की नोक ज्यूं
जलम्यो है जबरोड़ो गीगो कम्प्यूटर की कोख सूं।