मेरो दम तो घुटतो जावै

है पग पग पर रोक घणेरी

प्यार कठै, बस टोक घणेरी

काळ कोटड़ी जीवण म्हारो गिण गिण कर यूं कुढ़तो जावै

मेरो दम तो घुटतो जावै

परचावण नै काज घणा ही

बोलण री बस साफ मनाही

आसावां रो महल बणायो आंख्यां आगै लुटतो जावै

मेरो दम तो घुटतो जावै

लांबी चोड़ी दीवारां नै

ऊंचा ऊंचा कंगारां नै

करणा पार, पूगणो मन्नै जठै दम यूं घुटतो जावै

मेरो दम तो घुटतो जावै

स्रोत
  • पोथी : बाळसाद ,
  • सिरजक : चन्द्रसिंह ,
  • प्रकाशक : चांद जळेरी प्रकासन, जयपुर
जुड़्योड़ा विसै