झाला देती डूंगरी मोटा-मोटा म्हैल

सैज सवाई सायबा रखै नैण री रैण

बातां रा अे मांडै मांडणा आवै ना सुख अर चैण!

रैयी पीड़ री पीड़।

साथीड़ा बण झाला देवै बबल, बोरड़ी, केर

चालै अेवड़ गीत सुणातो भूलै ना पग री रेख

छोड इंया नै मन्नै भोळाई बाबुल कुण से देस!

रैयी पीड़ री पीड़।

ओळूं मा आवै है म्हारै गडा गिबा रा खेल

लुकमीचणी अर बो थब्बो सतोळियां रो मेळ

छोड इंया नै मन्नै ब्याही साहब आळै देस!

रैयी पीड़ री पीड़।

अरथा नै अरथावण आळी बैण साथिणा साथ

गवर चौमासो गावण आळी बी पीढी रो राग

छोड इंया नै मन्नै भोळाई हुळड़ आळै देस!

रैयी पीड़ री पीड़।

चातक, चकवा, सोनचिड़ी धिंगड़ अर धमाळ

छोटी मोटी टोळियां उण लोगां रो साथ

छोड इंया नै मन्नै भोळाई अेकलगटड़ै देस!

रैयी पीड़ री पीड़।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुनियोड़ी ,
  • सिरजक : विप्लव व्यास
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