होळी तौ आई गढ़ चौक में
बडबोळणा की झूलै छै जेल
भंवर म्हारा होळी आई सा!
रंगीली होळी घणी मनभाई सा!
लछपछ रांधां लापसी
और उजळा सा भात
सासूजी म्हारी होळी नै जिमावै सा!
सारौ घर मंगळ गावै सा!
रंगीली...
नणदोई बेग बुलावजौ
और नणद बाई साथ
जंवाई संग होळी खेलां सा!
गुलाबां रौ मेह बरसावां सा!
रंगीली...
नानू देवरियौ अचपळौ
भर पिचकारी मारी गात
होळी कौ हुड़दंग मचायौ सा!
पाछौ म्हारै हाथ न आयौ सा!
रंगीली...
नणदल नै देस्यां कांचळी
नणदोई नै सिर री पाग
जंवाई म्हानै घणा बाळा लागै सा!
होळी ऊपर बाट उडीकां सा!
रंगीली...