कद तांई दुख नै पीणौ है?
कांई औ जीणौ—जीणौ है??
भींज्योड़ी वा घास बळै ज्यूं
बूढी आंख्यां रा कोयां में
मूवा सपनारी बीत्योड़ी राख झड़ै ज्यूं
घुटतां-घुटतां धूंवौ करता
कांई यूं बळता जीणौ है
पग-पग माथै चुभती सूळां
लोही-लोही ही व्हेणौ है,
कद तांई दुख नै पीणौ है?
कांई औ जीणौ—जीणौ है??
चौरायां पर दिन-धौळा ही
बिखर्योड़ी सून्याड़ पड़ी है
छिपियोड़ा वे घात लगायां
अंधारा रा अबखा डाकी—
कांई थ्हांरी निजर पड़ी है?
रोतां-रोतां पिसतां-लुटतां
कद तांई यूं ही झुरणौ है?
कद तांई दुख नै पीणौ है?
कांई औ जीणौ—जीणौ है??
सांमी ऊभौड़ौ वो सूरज
अबै थ्हांनै हेलौ देवै
झांझरकै नै गैलौ देवै
दुख दरदां रा कंट-कंटीला
मारग फूलां नै चुणनौ है
घुटतां-घुटतां धूंवा में ही
पाछा सपनां ने बुणनौ है
कद तांई दुख नै पीणौ है?
कांई औ जीणौ—जीणौ है??