घणै ठाठ सूं खेवण लाग्यो

आगै बध बध हाथ चलायो

चट तूफान सामनै आयो

आगै नाव बधा दी मैं लहरां सूं बाजी लेवण लाग्यो

घणै ठाठ सूं खेवण लाग्यो

लारै अब कोई सहारो

आगै होसी कठै किनारो

अब चिंता रो कांई कारण सागर टक्कर लेवण लाग्यो

घणै ठाठ सूं खवण लाग्यो

सामै दीसै साफ सफायो

पण सामै मैं डांड चलायो

डांड टूटियो डरणो कांई जान आपरी देवण लाग्यो

घणै ठाठ सूं खेवण लाग्यो

स्रोत
  • पोथी : बाळसाद ,
  • सिरजक : चन्द्रसिंह ,
  • प्रकाशक : चांद जळेरी प्रकासन, जयपुर