गीत सोहणौ

सदगुण री खांण लहर सुरसरिता,
बांण सुधा रसधार बहै।
चूंडावत पहचांण चहूंदिस,
लक्ष्मी जस अप्रमांण लहै॥

प्रहर जांण सोरम प्रभात री,
करामात री ओप किसी।
मीठी भाषा हुवै मात री,
ज्यों रात ही चंद्रिका जिसी॥

जणणी नन्दकुंवर कुळ झाली,
हाली हरख हिलोर हियै।
वाली वधू देवगढ़ विजमल,
लाली लक्ष्मी जनम लियै॥

विक्रमी संवत गुणीस तिहोत्रव,
सुद पख नवमी अंक सिरै।
झिरमिर मास असाढ़ अमी झर,
घण लक्ष्मी नौबतां घुरै॥

मेदपाट में प्रगट पदमणी,
भणी गुणी ली सीख भली।
चिन्तामणी बणी चूंडावत,
चित हित सूं लेखणी चली॥

रंग लक्ष्मी रावतसर रांणी,
जग जांणी क्रामात जठै।
मरुवांणी री साख प्रमांणी,
आंणी अंजस जोत अठै॥

अखी अमर बातां अगलूणी,
लोक-संस्कृति छटा लखी।
निरखी परखी दखी नेह सूं,
रज री धज जीवंत रखी॥

ओज मिठास बिहूं गुण ओपै,
जांणै सो जसवास जपै।
लेखण भाषण में हुलास लख,
आतम-बळ उजियास अपै॥

पदवी पाई सिरै पद्मश्री
मानद डी-लिट् नवी मिळी।
पी-एच.डी. थवी लक्ष्मी पर,
भळे अनुभवी छवी भिळी॥

श्री राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति,
दिल नेहरू अति कुरब दियौ।
कवि वारान्निकोव रूसी कृति,
लक्ष्मी संप्रति सुजस लियौ॥

विश्व-शान्ति सम्मेलन वणियौ,
हणियौ बम जापान हतौ।
श्रद्धांजळि हित सगळां सुणियौ
चुणियौ लक्ष्मी नांम छतौ॥

वणी प्रदेशाध्यक्ष विधायक,
घणी सफळ दळ मांन घणौ।
चुणी फेर सांसद चूंडावत,
सुजस अग्रणी जगत सुणौ॥

सैंग विधावां में सिरज्योड़ा,
ग्रंथ छप्योड़ा पढ़ै गुणी।
परख्योड़ा पैंतीस प्रगट पण,
बचियोड़ा केइ फिल्म बणी॥

पुरस्कार सम्मांन प्रतिष्ठा,
पद परिवार समृद्धि पणौ।
चमत्कार लक्ष्मी चूंडावत,
तूझ पखौ त्रिपुरार तणौ॥

जस री जोत जहान जगमगै,
राजस्थानी आन रहै।
नारी-महिमा गुण-निधान री,
कवियौ शक्तिदान कहै॥

दूहौ

देवदुर्ग री दीकरी, रावतसर रांणीह।
लक्ष्मी चूण्डावत लखां, वसुधा वाखांणीह॥

स्रोत
  • पोथी : गीत गुणमाळ ,
  • सिरजक : शक्तिदान कविया ,
  • प्रकाशक : थळवट प्रकाशन, जोधपुर
जुड़्योड़ा विसै