दूहौ

सुजस धरा सोढांण रौ, भल अंजस रौ भाव।
सुणज्यो गीत सपंखरौ, वसू खरौ वरणाव॥1॥

गीत सपंखरौ

साखों पैंतीसों प्रमारों वीर विक्रमाजीत री सोभा,
उजेणी आदीत आखों गुणों में अनूप।
सीस जगद्देव दीनौ लाखों में प्रवीत सुणों,
भाखों क्रीत दांनी भोज धारा तणौ भूप॥

साख रा उजाळ धाट-धरा रा सपूत सोढा,
क्रीत दौढा करा रा सिघाळ थाट कीध।
रत्तैकोट फत्तै खाट त्रंबाळ बरा रा रूप,
दत्त में सिरा रा पाट चन्द्रभाळ दीध॥

पारकरा चंदण काछबौ पूंजौ बरापूर,
हम्मीर खीमरौ रांणौ वीसौ हम्मरोट।
अणंदांणी मांझी वंस अवत्तंस प्रांण आप्यौ,
मांण राख्यौ रांण रतत्रेस मत्र मोट॥

गीतां गवरीजै रीझै देस-प्रेम भीजै गात,
नांम लै प्रभात इसा धाट रा नरेस।
भैर सोन बिहूं भ्रात वडेली विख्यात भली,
रतन्न रा पोतरा लखात ज्यूं सुरेस॥

भैरहरौ खूमसुत्त जैतमाल वडै भाग,
अक्कल अथाग वा सपूत में आकूत।
सोनहरौ सवाई-सुतन्न त्यों सरूपसिंघ,
बडेरां री पुन्याई म्रजादा मजब्बूत॥

नांनांणै दादांणै रीत बखांणै न्रम्मळी नीत,
प्रीत पाळै सुपातां ख्यातां में रुची पूर।
आई माँ देवल्ल री आशीष रहै आठूं पौर,
ज्यैसूं रंग राता सुक्ख साता रै जरूर॥

हीरां री खांण में सदा नीपजै अमोल हीरा,
सपूतां री ओध जांण जोध सूरवीर।
धरा पिछंमांण में सोढांण री फरूकै धजा,
मारू आंण ढूकै ताला-विलंद अमीर॥

गरीबां निवाज काज धाट में अग्राजै गूंज,
साजै लाज म्रजाद में सोढा सिरत्ताज।
वडेली रतन्न रांणै आदू अम्मरांणै वाजै,
राजै आज जीवराज घरांणै रौ राज॥
स्रोत
  • पोथी : गीत गुणमाळ ,
  • सिरजक : शक्तिदान कविया ,
  • प्रकाशक : थळवट प्रकाशन, जोधपुर
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