डांग माथै डेरो होवै, रमतो जोगी राईको

मरुधर मोभी राईको

झाबरी पूछ्यां रा करला, किरकिरिए कानां आळा

आरसी ईडरिया कोई, सूरज मुखिया उल्लाळा

चीखळ ऊंठ झींपरा ताता, मगन टोडिया मतवाळा

जड़ा नै घर फेरै काढै, व्हाई चोखी राईको

रमतो जोगी...

घोटवीं नळी रा सुगणा, करहलिया मन मोवणा

गुंढीदार रूंआळी आळा, ओछी गोडी सोवणा

रल्लै बीखां ढाण सूड़बग, पड़छ पवन संग होवणा

लाख्योड़ी सांढ्यां नै पाळै-पोखै ओठी राईको

रमतो जोगी...

झोक करै विसराम थक्योड़ा, कइयक उरला घूमै

सांढ्यां देवै बाग टोडिया, उरणै नाचै झूमै

कइयक ऊभा चरै खेजड़ा, कैर कंकेड़ा लूमै

जंगळ मंगळ करै मानवी, घण संतोषी राईको

रमतो जोगी...

नी धारै डांफर लूंवा, टोळ री रिछपाळ करै

मोटो खावै मोटो पै’रै, सांवरियो प्रितपाळ करै

घण टाबर घर गांव आँतरै, डोलै मगरै-मगरै

टोळै रै सुख दुख रो संगी, साचो सोखी राईको

रमतो जोगी...

स्रोत
  • पोथी : मोरपांख ,
  • सिरजक : ओंकार पारीक / ओंकार श्री ,
  • प्रकाशक : राजस्थान साहित्य अकादमी (संगम) ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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