बाबा! थारी बकरियां

बिदाम खावै रै

अे-चरगी म्हारा खेत

सरे-आम खावै रै

बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै॥

कीड़ी नगरै नगर बसायो

ढोल दिया ढमकाय

राजा हुकम दियो हाकम नै

घर-घर लागी लाय

धरम करम रा कमधजिया हराम खावै रै

बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै...

भूखी भेड़ भचीड़ा खासी

चोर भखारी भरसी रै

गोधा चरसी खड़ै खेत नै

गाय अखोरा करसी रै

मिनख-मारणी काळ-चिड़्यां गोदाम खावै रै

बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै...

मन माटी रा तन सोने रा

मिनखा-बरणी सार

चोपड़ रमणी जूण मिनख री

गई मिनख नै हार

गांव-रुखाळा बासी मूंडै राम खावै रै

बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै...

सुण! धण बात कातली पूणी

डोरै नै मत तांण

न्याय रो माथो मतकर नीचो

देख ताकड़ी काण

सांची बात बतावणिया तो डाम खावै रै

बाबा थारी बकर्यां बिदाम खावै रै॥

स्रोत
  • पोथी : अंतस-तास ,
  • सिरजक : मोहम्मद सदीक ,
  • प्रकाशक : सलमा प्रकाशन
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