धोळी बादळी गरजे रे, बेरण बीजळी कड़के

मंगरा ऊपर पड़े कांकरा, काल्ज्यो धड़के

पगां पागड़ी म्हल पटेलां, खेत नटां हंकवाय

पेट काट छोरा-चोरी को, खाद-बीज मंगवाया

अठी-उन्ठी सूँ पांणी लाया, लड़ -लड़ के

धणा-धणी को गोणों नीड़े, सरस्यूं का पग भारी

बाँध घूघरा चणा नाचरिया, अळसी फूलां री

आफूड़ी म्ह चीरो देंगां का'ल तड़के

ये झाड़ियाँ का बोर रामजी, तींदू न' बण जअरज

सुणो भोळा- भंडारी, आफत या टळ जाव अरे!

नाथ कलकारी दीजे, डागळी चढ़के

कदी काळ म्ह फसलां सूखी, कदी पला म्ह बहगी

जातां जातां अरी बादळी, तू कड़कोल्या दे' गी

सरकारी सर्वे आया, पटवारी भड़के

नुई तोड़ म्ह दो-दो पान्या, सपना सूखे-सीझे

बालपण' छुड्वायो आँचळ, जामण नहीं पसीजे

तू आवे तो आजे 'मावठ', मावसी बणके

स्रोत
  • सिरजक : राम नारायण मीणा ‘हलधर’ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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