उठ पीळौ तौ ओढ़ म्हारी जच्चा
ईं में सरमाणै की कांई बात है
थारै जलम लियौ है नंद लालौ
आज सोना को सूरज ऊग्यौ है।
सुसराजी आवै पंडित नै बुलावै
सासूजी लाडू को थाळ सजावै
जरा लाडू तौ बांट म्हारी जच्चा
ईं मे सरमाणै की कीं बात है।
जेठजी अजमौ अर सूंठ ले आया
भाभी जी अजमा का लाडू बणाया
जरा लाडू तौ खा म्हारी जच्चा
इतरा नखरा की ईं में कीं बात है।
पाडोसणियां आवै जच्चौ जी गावै
साथण-सहेल्यां मिल ढोलक बजावै
गोदी ले नंद लाल आसीसां देवै
ईं में घबराणै की कांई बात है।