आओ मिलकर सीस झुकावां।
मरूधर का गुण गावां रे॥
लुळ-लुळ कर नाचणियां नाचे
कोई अळगोचां ने जांचे रे।
रूणक-झुणक कर कामण नाचे
हियां लकीरां खांचे रे॥
आओ मिलकर सीस झुकावां।
मरूधर रा गुण गावां रे॥
सांगा जेहड़ा वीर जणे या
बेरी थर-थर कांपे रे।
अस्सी-अस्सी घांव थंका भी
लड़बा सू नही घापे रे॥
आओ मिलकर सीस झुकावां।
मरूधर रा गुण गावां रे॥
सिंह केसरी हुयो अठे ई
जोरो, जबर जोरावर हो।
फिरंग्या सूं टक्कर लीदी
वीर प्रताप न्यौछावर हो॥
आओ मिलकर सीस झुकावां।
मरूधर रा गुण गावां रे॥
चेताबां ने भरा, चूंगट्या
राणो हो या रावळ हो।
चारण, भाट, बारहठ बणज्या
पातळ ताई पीथळ हो॥
आओ मिलकर सीस झुकावां।
मरूधर रा गुण गावां रे॥
आ धरती है हल्दीघाटी
जोधा…