1

सुंदर थांनै भूल्यां
कीकर पार पड़ै हो
औ जीवण घमसांण जुंझाऊ
पग-पग पिसण आड़ै हो
जिण कर जुलफ संवारी थांरी
उण कर पेच पड़ै हो

2


आज नीं खिंवीज्यौ थांरी अंवळी ओळूं रौ भार
वा अतीत लता पड़ी पिछोकड़ै
छांनै सी चढ़ आई छात
बरसां पैली री सपणी सपीठी
निकळी जीं सूं कर छिनगारी घात
देखूं तौ अटकी पड़ी है कोरी कांचळी
जांणे घड़ी पुळां री ही बात।

3

थांरौ तौ थोड़ौ सो हिलकणौ
नै नागरबेल रौ पसरणौ
घड़ी-घड़ी आवै म्हांनै याद
गुल कंवळाई री आगूंच रळी में
म्हांरै नैणां रै बासंग बड़
करी जठै आसूदी अळेटणी।

4


म्हांरौ तौ थोड़ौ सो देखणौ
नै थांरौ होलै सै मुळकणौ
औसरतै आड़ंग री अंगड़ाई में
कूंपळियै बिरछां-तळ खिंवीज बीज
अजै उण बूठोड़ै री सौंधी आवै सांस
बरसां रा डीगोड़ा डूंगर लांधियां।

5


कांठळ रा कांमेती किसौ कसूंबौ ले आया
बिन बादळ म्हे नाच्या मोर ज्यूं
थे मोरणी बण आया
म्हांरै नैणां नेह झरयौ
थे चुग-चुग मन बिलमाया
डीगा डागळा मिळै न पाछा
वै कळाव मन भाया

6


थांरै निंदाळू नैणां रौ नेह
म्हांरै कोयां री जोगण जोतड़ी
बिन बैणां रैणां री उड़ीक
काजळिया पथरणां में उठ-उठ ओजकै
बिलखी पिणघट पीळोड़ै परभात
उमावां रा ठाला घट ऊंचायां नीसरै

7


म्हे कद कह्यौ थे आवौ सादै नैण
इण भोड़ळ भुरकी रेण में
ओळमै रा औसर तौ है मोकळा
जद लग किरत्यां कपोल
सनमुखी टंगी है चंदै री आरसी
खुली है जरी तारांसितारां री हाट
किरण सिळायांडूबी है काजळ डूंगरां


8


म्हारौ तौ बैठणौ नै थांरौ ऊठणौ
कांई ऊठ-बैठ री रात
सिरज्यौ ज्यांनै ही सुहावणौ
चांद झूरै नै किरत्यां झळझळात
थे सौत नींद नै भली पटाई
पण पटणौ नीं परभात


9

हमें अबोलौ नीं सुहावै ओ सुंदर
कांई है मन में बिरोळ
बिन बोल्यां थे बोल घणाईं
म्हां पर दीन्हा ढोळ
अगाजी जिती ही उकेरणी
आ झिम-झिम झरणी ओस

10


आज तौ सूरज री उगाळी इसी
पीळै पोमचै पै कुरियौ है मोतीचूर
हंसा हाली थांरी रातां रौ रूड़ौ उतार
देखौ तौ चढ़यौ है कुळ री पाज पर
धीरै सै पग दे निरखौ नीं सुजांण
नुंवै कंवल रौ खिलणौ रतन-तळाइयां

11


हां रे इण अंबवा  री डाळ पर
कोई दिन लागी ही केरियां
झूलौ रे झुलायौ झिलती ऊमरां
चाख्यौ सो ही चाख्यौ उण फल रौ मिठास
म्हांनै तौ उण घूंघटियै री महक मंजरी याद
निजरां री झुरणी रौ जिण सूं झूर-झूर झुरणौ


12

आज जिसी ना दीठी बरसां में थांरी मुळक
जूनी कविता में नुंवै अरथ रौ झांकणौ
अेकर तौ इण मुळक सागै दौ निजर मिळाय
ज्यूंऊंडै अरथ नै कोई उपमा सूं अरथावणौ
पल -छिण पलटै थांरै अंगां रा उमाव
रस रै रुपक में राची व्यंजना रौ पसरणो

13


आज इण उळटियै आसमांन री
आड़ंग आई आंखड़ी में
तणीजी है लाल मांझै री डोर
पलक पतंग री खमीरी खिंवण में
धण री धणक छिब रौ
उळट-पुळट नै ओपणौ


14

चमक चमेली ओढ़ै ओढ़णी
कोई किरण किरणियौ तांण
चाली है चंदाबदनी चांनणी
सायर सेजां री हियै है हिलोर
इण रजत पीघळी उतावळ में
जुगनु जोवणी कटाछां री लुकमींचणी

15


जे होतौ नीं थांरौ औ रूप सरूप
सैणां रै नैणां में सुघड़ाई री
आ ओपती ओळख कद आवती
अै झणकारां नै रस-रेलां रा उफांण
धर नै अंबर रा सासता सिंगार
जांणै सूरत-मूरत बिन आरती

16

जुग रै कड़रवै रा जेठी जोर
(म्है) कांम रा कंटीला कूं बट छांगिया
हंसियै हियै री हथवाह
इसड़ी कमाई है कूंत-
भरवै भोग नै सिरजण जोग
'छांगण सूखै ज्यूं कूंपळ पांगरै'                                                       

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : सत्यप्रकास जोशी ,
  • संपादक : तेज सिंघ जोधा
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