ऊठौ म्हारा गौरां बाई
करौ नीं दांतणियौ
जळ भर झारी
केळू को दांतण
इसड़ौ दांतणियौ थांरी दासी जी करावै
ऊठौ म्हारा गौरा बाई
करौ नीं कलेवौ
फिणीं को बटियौ
लूणी को लचकौ
इसड़ौ कलेवौ थारा भाभूसा करावै
ऊठौ म्हारा गौरां बाई
करौ नीं जीमणियौ
पतळा तौ फलका अर गळवाणयौ*
इसड़ा तौ जीमण
थारी भोजायां करावै
हिंगळू तौ ढोल्यौ सिरक पतरना
इसड़ौ तौ पौढणियौ
थारा दासी जी करावै
*गळवाणयौ—गेहूँ का आटा, गुड़ व घी के विशेष मिश्रण से तैयार पतला व मीठा पकवान।
उठो हमारे गौरां बाई
करो तो दांतुन
जल से भरी हुई झारी
और केले का दांतुन
ऐसा दांतुन आपकी दासी करवा रही है
उठो हमारे गौरां बाई
करो तो कलेवा
फिणी का बटिया
कोमल-कोमल मक्खन
ऐसा कलेवा आपके भाभूसा करवा रहे हैं
उठो हमारे गौरां बाई
करो तो व्यंजन
पतले फुलके ऊपर 'गळवाणयौ'
ऐसा तो भोजन
आपकी भोजाइयां करवा रही
हिंगलू के पलंग पर गद्दे और तकिए लगे हुए हैं
ऐसे तो बिछौनो पर
आपकी दासी जी सुलवा रही है