सोनारी डाड्या राज रूपारा चेला

थू झुकती तो तोल गाँधी कस्तूरी जी।

कूणजी तोलावे, राज कूणीजी मोलावे।

कूणजी जो तोले यो कस्तूरी?

मोतीलालजी मोलावे, राजन छगनलालजी तोलावे।

यो गांधीजी तोले राजन कस्तूरी जी।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी लोकगीत ,
  • संपादक : पुरुषोत्तमलाल मेनारिया ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन
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