रोईड़ा रो फूल झबरकियौ
जठै रमवा जास्यां अे
रोईड़ो अे रोईड़ो
गवां रा गुलगुलिया करस्यां
घी में तळ-तळ खास्यां अे
रोईड़ो अे रोईड़ो
सासूजी नै वेरा में थरकास्यां
नणदल रो मुकलावौ अे
रोईड़ो अे रोईड़ो
जेठजी ने न्यारा करस्यां
देवरजी ने चाकरड़ी मैलां अे
रोईड़ौ अे रोईड़ौ
वीरो बैठो गोखा में
ले बाई थूं सीख अबै
रोईड़ो अे रोईड़ो...

रोहिड़ा

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य में पर्यावरण चेतना ,
  • संपादक : डॉ. हनुमान गालवा ,
  • प्रकाशक : बुक्स ट्रेजर, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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