राधा सुखाई बाजरी रे बीरा रुकमण गी चर गयी गाय

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

बहणां बहणां लड़ पड़ी रामा होय गई झींटम-झींट

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

राधा चाली बाप गै बीरा रुणझुण बैल जुड़ाय

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

गायां गा ग्वाळीया रे बीरा पीहर गो रस्तो बताय

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

डावो-डावो छोडीये बहणा जिवणै पासै जाय बो ही पीहर गो राह

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

छाछ गी छछवारणो अे बहणो जामी गी पोळ बताय

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

केळै झबरको बारणो अे राधा बा ही जामी गी पोळ

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

नणदल दीखी आंवती भावज पीढो लीयो अे लकोय

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

थारै सूं अे मेळा होय ग्या अे भावज बीरो द्‌यो नी बताय

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

सांझ पड़्यै दिन आथणै अे नणदी झीणी झीणी उडै रे गुलाल

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

गायां गा बाजै अे टोकरा अे नणदी बीरै गी बाजै गी बीण

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

बहण’र भाई मिल लिया अे बाई मिल्या दोन्यूं बांथम-बांथ

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

कण थानै दिया बैठणा अे बाई कण थारै बूझी मनड़ै गी बात

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

कण ही अे ना दिया बैठणा बीरा कण ही ना बूझी मन गी बात

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

थारै स्यूं मेळा होय ग्या बीरा मायड़ गी बताओ बात

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

पेडा पेडा खुळ ग्या बाई डाळां स्यूं हेत लगाय

मोहन प्यारी राम भजो भगवान

बहण’र भाई रोय पड़्या अे बहणो रोया कूंजा ज्यूं कुरळाय

मोहन प्यारी राम भजो भगवान।

(संदर्भ राधा अर रुकमणी रै बीचै तकरार पछै राधा रो रुकमणी सूं रूसणो)

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