म्हारो आलीजो चितारै

म्हारो बादीलो चितारै

बैरण आवै हिचकी

आवै हिचकी रे म्हांनै

आवै अवळूड़ी

सूनो लागै डागळौ

म्हारो गढ़ सूनो गिरनार

चढ़-चढ़ बरंडी जोवियो

कद आवै भरतार

म्हारो बादीलो चितारै

बैरण आवै हिचकी

म्हैं थांनां बालम मना कियौ

थे परदेसां मत जाओ

परदेसां री कामणी

थांनै राखैला बिलमाय

म्हारो बादीलो चितारै

बैरण आवै हिचकी

मोती जितरौ माळियौ

म्हारे किवाड़

ढोलो धण नै पोढ़िया

म्हारे सुगण सियाळै री रात

म्हारो आलीजो चितारै

बैरण आवै हिचकी

थांरै आंगण एळची

म्हारै आंगणै जाळ

थे कठै पधारो सासरै

केनो करो मनवार

म्हारो आलीजो चितारै

बैरण आवै हिचकी

डूंगर माथै डूंगरी

म्हारो सोनो घड़ै सोनार

एक घड़ाय दां पायलड़ी

म्हारै बिछुड़ां रौ सिणगार

म्हारो आलीजो चितारै

बैरण आवै हिचकी

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