सोरठ रा दूहा 

ऊंचो गढ़-गिरनार बादळ सों बातां करै।
सोरठ रौ सिणगार, आबू गढ़ सों आणियौ॥

सोरठ गढ़ां सूं उतरी, झांझर रै झणकार।
भीगै गढ़ रा कूंगरा, धूजै गढ़ गिरनार॥

सोरठ सकल दीप ज्यूँ, जात बड़ी परमार। 
बेटी राजा भोज री, पाळी रतन कुम्हार॥

सोरठियौ दुहो भलो, कपड़ो भलो सफ़ेद।
ठाकरियौ दातार भलो, घोड़लो भलो कमेत॥

सोरठ सुगणा माणसा, जोए कीजो वैवार।
रूप उधारो गुण बायरो, भूलो फिरै गवार॥

देसांपत माळुवौ, स्हैरांपत उज्जीण।
रागांरूपत राणी सोरठी, बाजांपत बीण॥

गीत : लूणागर

सावण आयो जी ओ!
हांजी भादरवौ 
आयोड़ौ रे मेघ-मल्हार 
भीजै रे गौरादे रौ कांचूड़ौ
भीजै रे मेघ-मल्हार 
गढ़ां रा राजा रे 
बालमो-बालमो 
सायबो-सायबो
बालमो रे गढ़ां रा राजा 
लूणागर थांनां हेला घरै आव
आबूड़ौ उल्टाणौ 
घरै आवौ नीं माया रा लोभी 

आंगण रोपाड़ां, हांजी अैळची रे
बाड़ै रे रोपाड़ां नागर बेल
बेलांड़ी लूंबी-लूंबी बाड़ियां में 
लारै रे लूंबी घर री नार 
बालमो-बालमो 
सायबो-सायबो
बालमो रे गढ़ां रा राजा 
लूणागर थांनां हेला घरै आव
आबूड़ौ उल्टाणौ 
घरै आवौ नीं माया रा लोभी

बालमो रे मेड़ी रा राजा लूणागर 
थांना हेला दे घरै आव
घरै आवौ नीं माया रा लोभी

मतहीणी हो जी मोक्ल्यो रे 
पीहू जी सिधाया परदेस 
परदेसां में भीजै गौरादे रो बालमो
लारै भीजै घर री नार 
गढ़ां रा राजा 
बालमो-बालमो 
सायबो-सायबो
लूणागर थांनां हेला घरै आव
आबूड़ौ उल्टाणौ 
घरै आवौ नीं माया रा लोभी

चांदा थारै चांदरणै 
झीलवा गयी तळाव
आवै रे गौरादे रो बालमो
आवै रे मेघ-मल्हार
गौरादे रा सायबा 
बालमो-बालमो 
सायबो-सायबो
सायबो रे गढ़ां रा राजा 
लूणागर थांनां हेला घरै आव
आबूड़ौ उल्टाणौ 
घरै आवौ नीं माया रा लोभी

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