मुजरो ले ले नी बावलिया, होली रंग राची,

के मुजरो ले ले नी।

भायां री सिकार माथै थारा हाकम चढ़िया ओ,

गोली रा लागोड़ा भाई भाखर भिळिया ओ,

के मुजरो ले ले नी।

झाड़ी जंगां में, हां के झाड़ी जंगां में,

गोळियां चांदी री चाले ओ, के झाड़ी जंगां में।

टोली रा टीकायत वाने गोरा ले ले ने आया है,

कोट री बुरजां रे ऊपर भाटी लड़िया ओ,

के मुजरो ले ले नी।

भालां रे भलकां में, भाटी नै ऊदावत भिड़ग्या

के मुजरो ले ले नी।

वा वा मुजरो ले ले नी, मेळां री जगा गायां चरती ओ,

के मुजरो ले ले नी।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी लोकगीत ,
  • संपादक : पुरुषोत्तमलाल मेनारिया ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन
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