जूं-जूं कैड़ै चाली
साग तोड़बा
कइयां तोड़ैगी
चटरक-चटरक
कइयां बंदारैगी
बर्‌रक-बर्‌रक
कइयां रादैंगी
खदबड़-खदबड़
कइयां खावैगी
सब्बड़-सब्बड़
शाबास मेरी जूं
तेरे घेसळा की दूं।

जूं

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य में पर्यावरण चेतना ,
  • संपादक : डॉ. हनुमान गालवा ,
  • प्रकाशक : बुक्स ट्रेजर, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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