ओ कुण बीजै बाजरो अे बदळी
ओ कुण बीजै मोठ मिसरी
सुरंगी रुत आई म्हारै देस
ईसर बीजै बाजरो अे बदळी
कान्हो बीजै मोठ मेवा मिसरी
सुरंगी रुत आई म्हारै देस।

यह कौन बीज रहा

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य में पर्यावरण चेतना ,
  • संपादक : डॉ. हनुमान गालवा ,
  • प्रकाशक : बुक्स ट्रेजर, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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