घोडी पग मोड़े झांझर बाजे।

घोड़ी गई जोसीड़ा री हाट

वारी जाऊँ नारायणगढ़ रो सेवरो।

छोड़ो-छोड़ो दादाजी म्हारो सेवरो,

छोड़ो-छोड़ो काकाजी म्हारो सेवरो,

म्हाने परणवारी आई हूँस।

घोड़ी पग मोड़े झांझर बाजे॥

घोड़ी गई नणदोईजी री हाट

वारी जाऊँ नाराणगढ़ रो सेवरो।

छोड़ो-छोड़ो मामासा म्हारो सेवरो।

म्हाने परणवा री आई हूँस।

घोडी पग मोड़े झांझर बाजे॥

घोडी गई नणदोईजी री हाट

वारी जाऊँ नाराणगढ़ रो सेवरो।

छोड़ो-छोड़ो मासाजी म्हारो सेवरो।

म्हाने परणवा री आई हूँस।

घोड़ी पग मोड़े झाझर बाजे

वारी जाऊँ श्री नाराणगढ़ रो सेवरो॥

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी लोकगीत ,
  • संपादक : पुरुषोत्तमलाल मेनारिया ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन
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