म्हारै जैपर तौ जोधपुर दोन्यूं स्यारी सा

म्हारै चुई गढ मौत्यां बिचलौ

ले ले रै माळी का मरवा

अमर बधावौ म्हारी गौर को

म्हारै मोहन-सोहन बीरा दोन्यूं स्यारी का

राणी बाईसा मौत्यां बीच ला

ले ले रै माळी का मरवा

अमर बधावौ म्हारी गौर को...

मेरे जयपुर और जोधपुर दोनों बराबर है

मेरे चुई गढ़ मोतियों के बीच सुशोभित होने वाला है

ले ले रे माली के मरवा

अमर बधाई हमारी गौर की

मेरे मोहन और सोहन 'बीरा' दोनों बराबर हैं

रानी बाईसा मोतियों के बीच सुशोभित होने वाले हैं

ले ले रे माली के मरवा

अमर बधाई हमारी गौर की

स्रोत
  • पोथी : गणगौर के लोक-गीत ,
  • संपादक : महीपाल सिंह राठौड़ ,
  • प्रकाशक : सुधन प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : 1
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