आप झरौखां बैठता अळवळिया सरदार

हाज़र रहती गौरड़ी कर सोळा सिणगार

हो जी सिरकार थारी सूरत प्यारी लागै म्हारा राज

म्हारा साहेबा, जी म्हारा राज।

पिया गया परदेश में नैणा टपके नीर

ओळ्यूं आवे पीव की जिवड़ो धरे ना धीर

जी उमराव थारे लेरा लागी आऊं म्हारा राज

राजन चाल्या पगा पगा लसकर पर रह गया दूर

बिलखत छोड़ी कामणि परिया की सी हूर

उमराव थारी चलगत प्यारी लागै म्हारा राज

म्हारा साहेबा जी म्हारा राज।

चंदा तेरे चांनणे सूती पलंग बिछाय

जद जागूँ जद एकली मरुँ कटारी खाय

सिरकार म्हारो जोबन एळैयो जावे म्हारा राज

पीव परदेसा सा रह्या सूनी आखातीज

लुआं चाले जेठ की जावे बदन पसीज

जी आसाढा बदळी छाई अब घर आओ म्हारा राज

म्हारा साहेबा जी म्हारा राज।

सावण बरख़ा झुक रही चढ़ी नभ घनघोर

कोयल कूक सुणावती बोले दादुर मोर

जी उमराव पपैयो पीव पीव शबद सुणावै म्हारा राज

म्हारा साहेबा, जी म्हारा राज।

चम चम चमके बिजळी टप टप बरसे मेह

भर भादू बिलखत तजि भलो निभायो नेह

जी, उमराव चैत्र चौमासे ने घर आओ म्हारा राज

म्हारा साहेबा, जी म्हारा राज।

आसोजां मैं सीप ज्यूँ प्यारी करती आस

पीव पीव करती धण कहे प्रीतम आवे ना पास

जी भरतार इंदर ओलर ओलर आवे म्हारा राज

उमराव जी, जी उमराव।

करूँ पढ़ाई चाव सै तेरी दुर्गा माय

आसोजा में आय के जो प्रीतम मिल जाय

महाराणी थारे सुवरण छतर चढ़ाऊँ म्हारी माय

म्हारा साहेबा, जी म्हारा राज।

कातिक छाती कर कठिन पिया बसे जा दूर

लालच में बस होय के बिलखत छोड़ी हूर

सिरकार धण थारी ऊबी काग उड़ावे म्हारा राज

सखी संजोवे दीवला पूजे लिछमी मांय

रळमिळ ओढ़े कामणि ले प्रीतम ने साथ

सिरकार सखी सब पीव संग मौज उड़ावे म्हारा राज

म्हारा साहेबा, जी म्हारा राज।

मिंगसर महीना में मेरे मन में उठे तरंग

पोष माघ की ठण्ड में बदन करत मोहे तंग

उमराव बिना कुण म्हारी तपत मिटावे म्हारा राज

फागण में संग की सखी सभी रंगावै चीर

मेरा सब रंग ले गयो बाई जी रो बीर

होळी ने थारी नार बेरंगी डोले म्हारा श्याम

म्हारा साहेबा, जी म्हारा राज।

साजन साजन मैं करूँ साजन जीव जड़ी

चुड़ले ऊपर मांड ल्यूं बाँचू घड़ी घड़ी

भरतार थांकी ओळ्यूं म्हाने आवे म्हारा राज

म्हारा साहेबा, जी म्हारा राज।

चेत महीनो लागियो बीत्यां बारह माँस

गणगौरया घर आयके पुरो मन की आस

उमराव म्हाने हिवड़े स्यूँ लिपटाल्यो म्हारा राज

जी उमराव म्हाने हिवड़े स्यूँ लिपटाल्यो म्हारा राज

म्हारा साहेबा, जी म्हारा राज।

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