मनड़ो ले ग्यो

मनड़ो ले ग्यो रे

ढोलो ले ग्यो

लिख-लिख कागदिया

ढोले जी ने भेजूं

कद म्हारो ढोलो जी घर आवै

मनड़ो ले ग्यो रे

ढोलो ले ग्यो रे

गिण-गिणतां रात गुजारी

नींद नीं आवै म्होंनै चैन नीं आवै

ऊभी जोवूं बाट ढोले री

कद म्हारो ढोलो घर आवै

मनड़ो ले ग्यो

मनड़ो ले ग्यो रे

ढोलो ले ग्यो रे

मन री बातां घणी सतावै

याद करूं तो म्हारो जीव नीं लागै

मन री बातां सुण ले ढोला

आजा म्हारे पास

मनड़ो ले ग्यो

मनड़ो ले ग्यो रे

ढोलो ले ग्यो रे

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