कदे आओ नीं रोंसीला म्होंरे देस

जोआं थांरी बाट घणी

आवण-जावण कहग्या

कर ग्या कौल अनेक

गिणतां-गिणतां घस गई

म्हारी आंगळियां री रेख

कदे आओ नीं रोंसीला म्होंरे देस

जोआं थांरी बाट घणी

सोनो नीं मांगां

रूपो नीं मांगां

तांबलिए री ताक

पिछोले रौ पाणीड़ो मांगां

उदियापुर रौ राज

कदे आओ नीं रोंसीला म्होंरे देस

जोआं थांरी बाट घणी

थांरै केसरिया-कसूम्बल

धण रा वेस

जोआं थांरी बाट घणी

कदे आओ नीं रोंसीला म्होंरे देस

जोआं थांरी बाट घणी

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