बिग्गा जी नीची तळाई ऊंचो देवरो
बिग्गा जी धोळी रे धजा असमान सवायो लागै देवरो
बिग्गा जी कण चीणायो थारो देवरो
बिग्गा जी कण लगाई गज नींव सवायो लागै देवरो
बिग्गा जी जाखड़ां चीणायो थारो देवरो
बिग्गाजी तावणियां लगाई गज नींव सवायो लागै देवरो
बिग्गा जी कै अे कोसां में थारो देवरो
बिग्गा जी कै अे कोसां में गज नींव सवायो लागै देवरो
बिग्गा जी सौ अे कोसां में थारो देवरो
बिग्गा जी अस्सी अे कोसां में गज नींव सवायो लागै देवरो
बिग्गा जी लीप्यो तो ढोळ्यो थारो देवरो
बिग्गा जी धूप रही गरणाय सवायो लागै देवरो
बिग्गा जी ऊगण सामी थारो देवरो
बिग्गा जी दिवलो चस्यो रै मुसाल सवायो लागै देवरो
बिग्गा जी चढ़’न चढावै थारै सेरणी
बिग्गा जी ऊजळै चावळीयां री खीर सवायो लागै देवरो।
(संदर्भ – जाखड़ां रा लोक देवता बिग्गा जी रो भजन)