ओ लुळ, ओ झुक
ओ लुळ ज्याई रे हरिया पौदीना
ओ झुक ज्याई रे हरिया पौदीना
ओ तनै सिल पै बंटाऊ हरिया पौदीना
ओ झुक ज्याई रे हरिया पौदीना
क्यारियां में बाऊं केवड़ौ खेतां में बाऊं हरियौ पौदीनों
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ ज्याई रे हरिया पौदीना
ओ झुक ज्याई रे हरिया पौदीना
माथा पै ल्याई केवड़ौ झोळी में ल्याई हरियौ पौदीनों
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ ज्याई रे हरिया पौदीना
ओ झुक ज्याई रे हरिया पौदीना
सासूजी नै भावै केवड़ौ सुसराजी ने भावै हरियो पौदीनों
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ ज्याई रे हरिया पौदीना
ओ झुक ज्याई रे हरिया पौदीना
जेठजी नै भावै केवड़ौ जेठाणी नै भावै हरियौ पौदीनों
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ जाई रे हरिया पौदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पौदीना
देवरजी नै भावै केवड़ौ देवराणी नै भावै हरियौ पौदीनों
ओ लुळ ओ झुक
ओ लुळ जाई रे हरिया पौदीना
ओ झुक जाई रे हरिया पौदीना
ओ तनै सिल पै बंटाऊं हरिया पौदीना
ओ झुक ज्याई रे हरिया पौदीना..॥

हरा पौदीना

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य में पर्यावरण चेतना ,
  • संपादक : डॉ. हनुमान गालवा ,
  • प्रकाशक : बुक्स ट्रेजर, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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