उड़-उड़ रे म्हारा, काळा रे कागला
कद म्हारा पिवजी घर आवै
कद म्हारा पिवजी घर आवै, आवै रे आवै
कद म्हारा पिवजी घर आवै
उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कागला
कद म्हारा पिवजी घर आवै
खीर खांड रौ जीमण जीमाऊं
सोनै री चोंच मंढ़ाऊं कागा
जद म्हारा पिवजी घर आवै, आवै रे आवै
कद म्हारा पिवजी घर आवै
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
म्हारा काळा रे कागला
कद म्हारा पीवजी घर आवै
कद म्हारा पिवजी घर आवै
पगल्यां में थारै बांधू रे घुघरा
गळै में हार कराऊं कागा
जद म्हारा पिवजी घर आवै
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
म्हारा काळा रे कागला
कद म्हारा पिवजी घर आवै
उड़ उड़ रे म्हारा काळा रे कागला
कद म्हरा पिवजी घर आवै
जो तू उड़नै सुगन बतावै
जनम-जनम गुण गाऊं कागा
जद मारा पिवजी घर आवै, आवै रे आवै
जद म्हारा पिवजी घर आवै
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
म्हारा काळा रे कागला
कद म्हारा पिवजी घर आवै
कद म्हारा पिवजी घर आवै
उड़ उड़ रे उड़ उड़ रे
उड़ उड़ रे
म्हारा काळा रे कागला
कद म्हारा पिवजी घर आवै।