म्हारा माथा नै मैंमद ल्यावौ रंग रसिया

गै‘रौ फूल गुलाब को

म्हारी रखड़ी रतन जड़ावौ रंग रसिया

गै‘रौ सा फूल गुलाब को

गै'रौ सा बाईसा थांका बीरा रंग रसिया

आप दूध अरोगौ दारू छोड़ौ रंग रसिया

गै‘रौ सा फूल गुलाब को

आप रिपिया कमावौ मौ‘रां परखौ रंग रसिया

गै‘रौ सा फूल गुलाब को

म्हारा कानां नै कुंडळ ल्यावौ रंग रसिया

झुठणा रतन जड़ावौ सा

गै‘रौ सा फूल गुलाब को

म्हारा हिवड़ा नै हांस घड़ावौ रंग रसिया

गै'रौ-गै'रौ बापजीसा, का चावा रंग रसिया

गैरौ सा फूल गुलाब को

म्हारी बय्यां नै चुड़लौ चिरावौ रंग रसिया

गै‘रौ सा फूल गुलाब को

मेरे माथे के लिए 'मैमंद' लाना रंग रसिया

सुन्दर गुलाब का पुष्प भी लाना

मेरी रखड़ी के रत्न जड़वाना रंग रसिया

सुन्दर गुलाब का पुष्प भी लाना

सुन्दर हैं बाईसा आपके भय्या रंग रसिया

आप दूध पीवौ और मद्यपान करना छोड़ दो रंग रसिया

सुन्दर गुलाब का पुष्प भी लाना

आप रुपये कमाओ मोहरों के पारखी बनों रंग रसिया

सुन्दर गुलाब का पुष्प भी लाना

मेरे कानों के लिए कुंडल लाओ रंग रसिया

'झुठणा' के रत्न जड़वाओ

सुन्दर गुलाब का पुष्प भी लाना

मेरे हिये के लिए हांस घड़ावो रंग रसिया

सुन्दर-सुन्दर है श्वसुर जी आपके सुपुत्र रंग रसिया

सुन्दर गुलाब का पुष्प भी लाना

मेरी बाहों के लिए चूड़ा चिरवाओ रंग रसिया

सुन्दर गुलाब का पुष्प भी लाना

स्रोत
  • पोथी : गणगौर के लोक-गीत ,
  • संपादक : महीपाल सिंह राठौड़ ,
  • प्रकाशक : सुधन प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : 1
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