विष्णु विष्णु तू प्राणी, पैके लाख उपाजूं।
रतनकाया बैकुंठे वासो, तेरा जरा मरण भय भाजूं॥
हे प्राणी! तू विष्णु विष्णु उच्चारण कर उसके ऐसे उच्चारण से तुझे उसी प्रकार अपरिमित लाभ होगा जिस प्रकार एक-एक पाई जोड़कर लाखो रूपये उत्पन्न का लाभ होता है।
विष्णु का जप करने से तेरा शरीर दिव्य होगा। वैकुण्ठ में वास होगा और तेरा जन्म मरण रूपी भय सदा के लिये नष्ट हो जायेगा।