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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
विष पीवै इम्रत कहै
हरिदास निरंजनी
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विष
पीवै
इम्रत
कहै,
कनक
कटोरा
मांहि।
याह
मरणै
की
सौंज
है,
पीवैस
जीवै
नांहि॥
स्रोत
पोथी
: श्री महाराज हरिदासजी की बाणी सटिप्पणी (निरपख मूल)
,
सिरजक
: हरिदास
,
संपादक
: मंगलदास स्वामी
,
प्रकाशक
: निखिल भारतीय निरंजनी महासभा, दादू महाविद्यालय, जयपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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