बिरखा जावे बरसती, धीर न जीव धरेह।
ओळ्यूं थांरी आलिजा, मरवण नित करेह॥
सांवण आयो साजना, मधरो मेह पड़ंत।
बिलखूं बाटां जोवती, कद आवेला कंत॥