छावण लागी वादळी, हिवड़ै उमड़्यो नेह।
तरसण लागी तीजणी, फड़कण लागी देह॥
भावार्थ:- बादलियाँ छाने लगी हैं और हृदय में स्नेह उमड़-घूमड़ आया है, तीजनियां तरसने लगी हैं और उनकी देहफड़कने लगी है।