संभाळीयो सकतसी, पातल रांण अपल्ल।
पूठ विचारी विरुदपति ,साहबड़ां उरसल्ल॥
बड़े-बड़े बादशाहों के हृदय में चुभने वाले विरुदधारी व अद्वितीय वीर महाराणा प्रताप को शक्तिसिंह ने जा संभाला, क्योकि महाराणा के पीछे यवन लगे हुए थे।