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अंजस सोशल मीडिया
सांम ज संबाहै करै
आसराव रतनू
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सांम
ज
संबाहै
करै,
कर
सोळह
शृंगार।
आ
रांणी
रावळ
अगै,
गळ
तुळछीदळ
हार॥
स्रोत
पोथी
: मुहता नैणसीं री ख्यात, भाग 2
,
संपादक
: जिनविजय मुनि
,
प्रकाशक
: राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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