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अंजस सोशल मीडिया
रावळ अन परतावियो
आसराव रतनू
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रावळ
अन
परतावियो,
सो
क्यूं
अन्न
भखेह।
तो
प्रोळी
बोलाय
कर,
सिर
क्यूं
छत्र
धरेह॥
स्रोत
पोथी
: मुहता नैणसीं री ख्यात, भाग 2
,
संपादक
: जिनविजय मुनि
,
प्रकाशक
: राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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