जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
Quick Links
जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
ररंकार रहता पुरुस
चेतनदास
Favourite
Share
Share
ररंकार
रहता
पुरुस,
देह
धारी
माया
जाणि।
देह
धरि
कै
देह
कूं
भजै,
क्यूं
पहुंचै
निरवाणि॥
स्रोत
पोथी
: स्वामी चेतनदास व्यक्ति, वाणी, विचार एवं शिष्य परंपरा (नाम-निरणै को अंग)
,
सिरजक
: चेतनदास
,
संपादक
: ब्रजेन्द्रकुमार सिंहल
,
प्रकाशक
: संत उत्तमराम कोमलराम 'चेतनावत' रामद्वारा इंद्रगढ़, (कोटा) राजस्थान
,
संस्करण
: प्रथम संस्करण
जुड़्योड़ा विसै
माया
भगती काव्य
राम