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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
मुख मुंदे रहु मुरलिया
नागरीदास
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मुख
मुंदे
रहु
मुरलिया,कहा
करत
उतपात।
तेरे
हाँसी
घर
बसी,औरन
के
घर
जात॥
स्रोत
पोथी
: राजस्थानी भाषा और साहित्य
,
सिरजक
: नागरीदास
,
संपादक
: मोतीलाल मनारिया
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर
,
संस्करण
: छठा संस्करण
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