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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
गांठ गठीले बांस की
नागरीदास
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गांठ
गठीले
बाँस
की,
महा
द्रोह
की
खान।
मति
मारै
री
मुरलिया,
तानन
विष
के
बान॥
स्रोत
पोथी
: राजस्थानी भाषा और साहित्य
,
सिरजक
: नागरीदास
,
संपादक
: मोतीलाल मनारिया
,
प्रकाशक
: राजस्थानी ग्रंथागार, जोधपुर
,
संस्करण
: छठा संस्करण
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