प्रतमा इहँ विध पूजियै, करिये सुकत कांम।

हाथां रा पग ना हुवै, सुखी नरा विश्रांम॥

स्रोत
  • पोथी : हरीजस-मोख्यारथी (सोढायण) ,
  • सिरजक : चिमनजी कविया ,
  • संपादक : शक्तिदान कविया ,
  • प्रकाशक : राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर। ,
  • संस्करण : प्रथम