पाधर जुड़े प्रपापसी, पौरस तणौ प्रमांण।
रांण विलुध्यौ वीररस, खग वाहे खुमांण॥
अपने पौरुष के अनुरूप ही महाराणा प्रताप रणक्षेत्र में लड़ा। वह खुमांण का वशंज तलवार-सञ्चालन में कुशल था। अतः युद्ध में वीर रस में लुब्ध हो गया।