द्रव्य रा भाव अनेक छे ताहि, ते तों लखण गुण परजाय।
भाव लखण गुण परजाय, ए च्यारू भाव जीव छे ताहि॥
भावार्थ : द्रव्य के अनेक भाव हैं। जैसे लक्षण, गुण और पर्याय। ये चारों भाव-जीव हैं।