के बेटो के बाप, काम तणो सो मेळ जग।
जपै काम रा जाप, चाम जळातां चन्द्रसी॥
बेटो धण मा बाप, बहन जवांई भाणजो।
असल काम है लाप, चाम न जाणी चन्द्रसी॥
जप नाम रा जाप, अपणै अपणै काम सर।
काम सर् यां कुण आप, चितवै बिरळा चन्द्रसी॥
कर नाख्यो सो काम, बाकी थूक बिलोवणो।
कुण जाणै किण ठाम, चूक पड़ैली चन्द्रसी॥
कोरी मनस्या ना सरै, करियां होसी काम।
मनस्या तो रहसी पड़ी, चाल पड़ैलो चाम॥
मान कर्यो रै मूरखा, जीवण कितोक जोय।
दोय दिनां रो झिलमलो, नींद लेय मत खोय॥
काचा लेवै खेर, पाका टाळै पाखती।
राम तणो ओ फेर, चकर चढावै चन्द्रसी॥
काचा सारै काम, राम तणो सुरलोक में।
चग्गड़ बोदा चाम, चावै कुण हो चन्द्रसी॥
राजी ह्वै ज्यू राखजे, थारी मोज धणी।
कर धाप्यो करणी अलख, खोटी घणी घणी॥
सुख में आव सैंस, कुत्तै ज्यूं लटवा करै।
दुख में आखर दोय, राम नाम रो आसरो॥