लूआं लाग पिळीजिया, आमां हाल बेहाल।
पींजू मुरधर पाकिया, ले लाली ज्यूं लाल॥
भावार्थ:- लूओं के ऊग्र ताप को आम न सह सके, वे पीले पड़ गये और उनका बुरा हाल हो गया। परन्तु करील फलों का लू कुछ न बीगाड़ सकी, अपितु वे पक कर लालों की तरह लाल हो गये।