जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
Quick Links
जूनौ कोस
नूवौ कोस
लोक परंपरा
ई-पुस्तक
महोत्सव
साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
हाड़ां हूं चावळ हुवा
आसराव रतनू
Favourite
Share
Share
हाड़ां
हूं
चावळ
हुवा,
रू,
राई,
खड़,
धन्न।
तो
असताई
संभळौ,
ते
क्यूं
ढूकै
मन्न॥
स्रोत
पोथी
: मुहता नैणसीं री ख्यात, भाग 2
,
संपादक
: जिनविजय मुनि
,
प्रकाशक
: राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम
जुड़्योड़ा विसै
डिंगल
चारण साहित्य