चारण कुल रो च्यानणों, बारहठ कुल रा भान।

कुंवर वीर प्रताप हा, हिंद देश रा मान॥

मरूभोम रा भाल न, गर्वित किन्हों आज।

सिंह री एक दहाड़ सुं, काँप्यो ब्रिटिश राज॥

आजादी री आग में, पङिया कर हुंकार।

कुंवर प्रताप रा जोश सुं, काँपी ब्रिटिश सरकार॥

जोधा थारा जोश रो, कितोक करां बखान।

चारण कुल रा चाँद न, बार बार प्रणाम॥

निशदिन थारा नाम का, जळसी जग मं दीप।

केसर सिंह रा लाल न, नमन करे कुलदीप॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : कुलदीप सिंह इण्डाली ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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