दिनड़ा बीत्या मोकळा, ( अर ) रातड़ल्यां गइ बीत।

लिख-लिख फाड़्या कागजिया, (पण) लिख्यौ जावै गीत॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : अनिता सैनी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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